निम्नलिखित देशों के साथ भारत के व्यापार एवं आर्थिक सहयोग से संबंधित सभी मामले
रुसी परिसंघ, यूक्रेन, उज़्बेकिस्तान, कज़ाकिस्तान, किर्गिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, ताजिकिस्तान, अज़रबैजान, अर्मेनिया, जॉर्जिया, मोल्दोवा, बेलारूस
- इन देशों में भारतीय वाणिज्यिक प्रकोष्ठों की रिपोर्टों एवं कार्यों की निगरानी।
- भारत और इन देशों के बीच स्थापित संयुक्त आयोग, उप आयोग, संयुक्त समितियां आदि जिसमें ऐसे आयोग / समितियां भी शामिल हैं, जिनको वाणिज्य विभाग द्वारा सेवाएं प्रदान की जा रही हैं।
- अंतर्राष्ट्रीय उत्तर – दक्षिण परिवहन कोरिडोर परियोजना के लिए नोडल एजेंसी का कार्य।
- श्री बी. बी. स्वेन : अपर सचिव
- श्री एस.के.रंजन : उप सचिव
- श्री विजय शंकर पाण्डेय : अवर सचिव
- श्री आर.के.रमेश : अनुभाग अधिकारी
- तुर्कमेनिस्तान के साथ व्यापार एवं आर्थिक सहयोग पर करार पर 25 मई 2010 को हस्ताक्षर किए गए।
- वाणिज्य विभाग में संस्थानिक तंत्र इस प्रकार है
क्र. सं. | साझेदार देश का नाम | संस्थानिक तंत्र (संयुक्त आयोग / अंतर्सरकारी आयोग / संयुक्त कार्य समूह) का नाम तथा उसकी संरचना | सह-अध्यक्ष |
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1. | अज़रबैजान | अंतर्सरकारी आयोग | वाणिज्य राज्य मंत्री |
2. | किर्गिस्तान | अंतर्सरकारी आयोग | तदैव |
3. | उज़्बेकिस्तान | अंतर्सरकारी आयोग | तदैव |
4. | ताजिकिस्तान | अंतर्सरकारी आयोग | वाणिज्य सचिव |
5. | रूस | व्यापार एवं आर्थिक सहयोग पर संयुक्त कार्य समूह | संयुक्त सचिव – एफटी (सीआईएस) |
6. | कज़ाकिस्तान | व्यापार एवं आर्थिक सहयोग पर संयुक्त कार्य समूह | -तदैव- |
कज़ाकिस्तान | बकाया ऋण के मुद्दे के समाधान के लिए संयुक्त कार्य समूह | -तदैव- | |
7. | यूक्रेन | व्यापार एवं आर्थिक सहयोग | -तदैव- |
उद्योग चैंबर के समन्वय में संचालित एक दिवसीय आउटरीच कार्यक्रमों के माध्यम से उद्योग को सुग्राही बनाने के प्रयास किए जाते हैं। अब तक 6 स्थानों – अहमदाबाद, श्रीनगर, नई दिल्ली, बंगलौर, चेन्नई और लुधियाना में ऐसे आउटरीच कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। उद्योग जगत ने इन सभी कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर भाग लिया तथा प्रतिभागियों के लिए व्यापक प्रस्तुति के माध्यम से इन देशों में उपलब्ध अवसरों से अवगत कराया गया।
वर्ष 2015-16 के लिए आहार, स्वास्थ्य, कृषि, इलेक्ट्रिक मशीनरी आदि के विभिन्न मेलों / प्रदर्शनियों में भाग लेने के लिए / आयोजन के लिए एसोचैम, फिक्की, एफआईईओ आदि के 12 प्रस्तावों को मंजूरी प्रदान की गई है।
वाणिज्य विभाग ने जुलाई 2014 में ईरान से होते हुए भारत और सीआईएस देशों के बीच व्यापार को सुगम बनाने के लाभों की जांच करने के लिए फेडरेशन ऑफ फ्रेट फारवर्डर्स एसोसिएशन इन इंडिया (एफएफएफएआई) के माध्यम से एक ड्राई रन स्टडी शुरू किया। अंतर्राष्ट्रीय उत्तर – दक्षिण परिवहन कोरिडोर (आईएनएसटीसी) सीआईएस तथा अन्य पड़ोसी देशों के लिए अखंड आवाजाही का प्रावधान करता है तथा उम्मीद है कि यह परंपरागत मार्ग की तुलना में त्वरित एवं सस्ता होगा। ड्राई रन स्टडी के निष्कर्षों पर चर्चा करने तथा नए मार्ग को लोकप्रिय बनाने के उद्देश्य से वाणिज्य विभाग ने 12 जून 2015 को मुंबई में एक हितधारक सम्मेलन का आयोजन किया।” नई दिल्ली में 19 और 20 अगस्त 2015 को आईएनएसटीसी पर विशेषज्ञ समूह (I और II) की 7वीं बैठक तथा 21 अगस्त 2015 को आईएनएसटीसी की समन्वय परिषद की 6वीं बैठक हुई।
सूचना विभाग की वेबसाइट पर पहले से उपलब्ध है।
- कमरा संख्या : 280 ए, उद्योग भवन
- फ़ोन : 23063294