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संलग्न कार्यालय
विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी)
(iii) पाटनरोधी एवं संबद्ध शुल्कस महानिदेशालय (डी जी ए डी)

(उद्योग भवन, नई दिल्लीन – 110 107)

पाटनरोधी एवं संबद्ध शुल्के महानिदेशालय का गठन अप्रैल, 1998 में हुआ तथा भारत सरकार में अपर सचिव / संयुक्ती सचिव के स्तूर के नामोद्दिष्टे प्राधिकारी इसके अध्यतक्ष हैं जिनकी सहायता सलाहकार (लागत) द्वारा की जाती है। इसके अलावा, अन्वेेषण करने के लिए 15 अन्वेाषण एवं लागत अधिकारी हैं। यह निदेशालय सीमा शुल्कक टैरिफ अधिनियम के तहत अन्वेाषण करने और जहां जरूरत हो, अभिचिन्हित वस्तुैओं पर पाटनरोधी शुल्कर / प्रतिकारी शुल्का की ऐसी राशि की सिफारिश करने के लिए जिम्मेचदार है, जो घरेलू उद्योग को नुकसान की भरपाई करने के लिए पर्याप्तस होगी।

वर्ष 1992 से 31 नवंबर, 2014 तक डी जी ए डी द्वारा 295 मामलों में पाटनरोधी अन्वे षण शुरू किए गए। इन अन्वेनषणों में जिन देशों का नाम प्रमुखता से आया वे चीन, यूरोपीय संघ, ताइवान, कोरिया, जापान, यूएसए, सिंगापुर, रूस आदि हैं। उत्पा दों की जिन श्रेणियों पर पाटनरोधी शुल्क। लगाया गया उनमें मुख्या रूप से रसायन एवं पेट्रो-रसायन, फार्मास्यू टिकल, फाइबर / यार्न, इस्पा्त एवं अन्य धातुएं तथा उपभोक्ता माल शामिल हैं।

नवंबर, 2013 तक डी जी ए डी द्वारा विभिन्नच देशों से आयातों पर 676 अन्वेमषण शुरू किए गए हैं। ऐसे अन्वे0षणों का ब्यौ रा यहां नीचे ग्राफ में दर्शाया गया है।

डीजीएडी द्वारा पाटनरोधी दिशानिर्देश, आवेदन प्रपत्र, निर्यातक / आयातक प्रश्नाुवली तथा अक्सएर पूछे जाने वाले प्रश्नोंू पर एक प्रयोक्ता अनुकूल पुस्तिका जैसे प्रकाशन निकाले गई हैं, जो पाटनरोधी एवं सब्सिडीरोधी उपायों के बारे में हैं तथा इनको वाणिज्यव एवं उद्योग मंत्रालय की वेबसाइट (http://commerce.gov.in) पर डाला गया है। वेबसाइट पर भी उपलब्‍ध यह पाटनरोधी कानूनों तथा डी जी ए डी द्वारा शुरू किए गए विभिन्‍न पाटनरोधी मामलों के संबंध में डी जी ए डी की सभी अधिसूचनाओं अर्थात वाद अधिसूचना, प्रारंभिक एवं अंतिम निष्करर्ष, शुद्धिपत्र आदि तथा डी जी ए डी द्वारा जारी की गई सभी व्याअपार सूचनाओं का संग्रह है।

1 अप्रैल, 2013 से 30 नवंबर, 2013 की अवधि के दौरान डी जी ए डी 25 पाटनरोधी मामले शुरू किए गए थे, एक मामले में प्रारंभिक निष्क र्ष जारी किए गए, 19 मामलों (जिसमें एक मामले में अंतिम निष्क र्ष शामिल है) में अंतिम निष्कएर्ष सीमा शुल्कन, उत्पा द शुल्के तथा सेवा अपीलीय अधिकरण (सिस्टै्ट) द्वारा वापस मांगे गए।